कुछ लोग इतने सरल और विशिष्ट व्यक्त्वि वाले होते है जिनसे मिलकर जो आनन्द मिलता है उसे शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है
आदरणीय Dr rahul awasthi जी Sachin Agarwal जी और अमित शर्मा 'मीत' भैया ji शानदार व्यक्त्वि के धनी आप लोग जिससे भी मिलते हैं उसे अपना बना लेते हैं
सचिन जी की अनमोल कृति 'इश्क़ डूबा हुआ था पानी मे'
आज आपकी उपस्थित में मुझे मिली ह्रदय तल से आभार आप सबका😊😊😊😊😊
आप तीनों के लिए सिर्फ दो पंक्तियाँ गुस्ताखी माफ कीजिएगा........
बैठे उसके पास तो हर ग़म भूल गए
हम शब्दों के जादूगर से आज मिले
अभिषेक शर्मा
तुम्हें पाकर तुम्हें खोने का सदमा
हमें है खुद के ही होने का सदमा
*************************
सचिन उड़ते हैं जो आकाश में वो
नहीं समझेंगे इक कोने का सदमा
सचिन 'शालिनी'
आदरणीय Dr rahul awasthi जी Sachin Agarwal जी और अमित शर्मा 'मीत' भैया ji शानदार व्यक्त्वि के धनी आप लोग जिससे भी मिलते हैं उसे अपना बना लेते हैं
सचिन जी की अनमोल कृति 'इश्क़ डूबा हुआ था पानी मे'
आज आपकी उपस्थित में मुझे मिली ह्रदय तल से आभार आप सबका😊😊😊😊😊
आप तीनों के लिए सिर्फ दो पंक्तियाँ गुस्ताखी माफ कीजिएगा........
बैठे उसके पास तो हर ग़म भूल गए
हम शब्दों के जादूगर से आज मिले
अभिषेक शर्मा
तुम्हें पाकर तुम्हें खोने का सदमा
हमें है खुद के ही होने का सदमा
*************************
सचिन उड़ते हैं जो आकाश में वो
नहीं समझेंगे इक कोने का सदमा
सचिन 'शालिनी'
Comments
Post a Comment